मुजफ्फरपुर शहर के अतिसुरक्षित इलाके सर्किट हाउस रोड में आर्मी कैंटीन के गेट के पास अपराधियों ने छिनतई में जूनियर इंजीनियर मो. हारिस की चाकू मारकर हत्या कर दी। सीने में दो जगह पर जख्म है। शुरुआत में पुलिस ने गोली का जख्म बताया, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद उसे चाकू का जख्म बताया गया।मृतक मो. हारिस का शव कई घंटे तक सड़क किनारे पड़ा रहा। जिसके बाद पुलिस की गश्ती पर सवाल उठ रहे हैं। हारिस दिल्ली में रबर इंडस्ट्री से जुड़ी एक नामी कंपनी में कार्यरत थे। वह मूलरूप से सकरा थाना के फरीदपुर गांव के रहने वाले थे। उनका मोबाइल और पर्स गायब है। पास से पैसा भी बरामद नहीं हुआ है। पीठू बैग था, जिसमें टूल किट (पेचकस, पिलास आदि) के अलावा एक जोड़ी कपड़ा, बिस्किट का पैकेट और पानी की बोतल मिली। बैग से कंपनी का पहचान पत्र भी मिला।
सिटी एसपी अवधेश दीक्षित ने बताया कि छिनतई के दौरान हत्या की आशंका है। शुरुआत में उसके सीने के दोनों जख्म गोली के प्रतीत हुए, पर पोस्टमार्टम में चाकू का पाया गया। सीसीटीवी से अपराधियों की पहचान की जा रही है। परिजनों के अनुसार रात करीब दो बजे ही मो. हारिस गोबरसही पहुंच गया होगा। ऐसे में वहां से ऑटो या पैदल सर्किट हाउस रोड में आर्मी कैंटीन के पास पहुंचने में उसे 15 से 20 मिनट लगे होंगे। इस तरह हारिस के साथ ढाई बजे घटना हुई होगी।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सड़क किनारे हारिस का शव रात ढाई बजे से पड़ा रहा। ऐसे में परिजनों ने सवाल उठाया कि ढाई बजे से सड़क पर पड़े शव को गश्ती दल ने कैसे नहीं देखा।गोबरसही चौक पर मो. हारिस पटना से आने वाली बस से उतरा। यहां पर कंट्रोल रूम से जुड़ा सीसीटीवी कैमरा लगा है। काजी मोहम्मदपुर थाने की पुलिस सरैयागंज टॉवर चौक पर लगे कंट्रोल रूम में फुटेज खंगालने पहुंची। वहां बताया गया कि गोबरसही चौक का कैमरा काम नहीं करता है। इसके बाद पुलिस टीम सरैयागंज स्थित कंट्रोल रूम से लौट आई।