बिहार में शराबबंदी के बाद 2018 में सतत जीविकोपार्जन योजना लागू की गयी. करीब 6 सालों में पूरे बिहार में अत्यंत गरीब और नशा के कारोबार से जुड़े लोगों को समाज की मुख्य धारा में जोड़ते हुए परियोजना सफलता के परचम लहरा रही है. इसी कड़ी में मुजफ्फरपुर जिले के सकरा और मड़वन प्रखंड में दूसरे राज्यों में किस तरह से यह योजना लागू किया जाये. इसके अवलोकन के लिए कर्नाटक आजीविका, प्रदान, ब्रॉक और आइवेस दिल्ली की टीम पहुंची.
दो दिवसीय दौरे पर आय इस टीम ने दोनों ही प्रखंडों में सतत जीवीकोपार्जन योजना से जुड़ी दीदियों से बातचीत की. टीम का स्वागत और अभिनंदन जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा ने जागृति टीएलसी कांटी में किया. पूरी परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए जिला स्तरीय प्रबंधकों से एक परिचर्चा के दौरान सभी के कार्यों से टीम को अवगत कराया. इस दौरान कर्नाटक टीम के राज्य परियोजना प्रबंधक लूसी बरेंस ने कहा कि बिहार में सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत काफी अच्छा काम हो रहा है.