बिहार में चार नेशनल हाइवे की चौड़ाई बढ़ाने सहित तेजी से निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. इसमें एनएच-333ए शेखपुरा-जमुई-पंजवारा-बांका, एनएच-333सी सरौन-चकाई, एनएच-227जे साहरघाट से रहिका और उमगांव से कलुआही 227एल शामिल हैं. इन सभी सड़कों में जमीन अधिग्रहण का पेच फंसा हुआ था. अब इसकी प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इन सभी सड़कों का निर्माण अधिकतम 2026 तक पूरा होने की संभावना है. इनके बनने से पांच जिलेशेखपुरा, जमुई, बांका, मधुबनी और सुपौल के लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिल सकेगी. साथ ही बिहार से झारखंड आवागमन में सुविधा बढ़ेगी.
सूत्रों के अनुसार बिहार और झारखंड के बीच बेहतर सड़क यातायात के लिए जमुई और बांका जिले में एनएच-333ए की करीब 134 किमी लंबाई में निर्माण की योजना थी. इसमें से करीब 72 किमी लंबाई में निर्माण पूरा हो चुका था. साथ ही करीब 62 किमी लंबाई में करीब 900 करोड़ की लागत से इसका निर्माण होना है. इसमें जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसके साथ ही एनएच 333सी का निर्माण जमुई से खरगडीहा-चातरो-सरवण-चकाई के बीच होना है. इसमें करीब 16 किमी लंबाई में जमुई जिले में निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में अब मुआवजा भुगतान के लिए कागजात जमा करने का निर्देश जमीन मालिकों को दिया गया है.
साहरघाट से रहिका एनएच-227जे और उमगांव से कलुआही एनएच-227एल के निर्माण में भी जमीन अधिग्रहण का पेच अब लगभग अंतिम चरण में है. इन सड़कों के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का मुआवजा देने की गति बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. साहरघाट से रहिका एनएच-227जे को करीब 35 किमी लंबाई और उमगांव से कलुआही एनएच-227एल का निर्माण करीब 21.6 किमी लंबाई में 2026 तक पूरा होने की संभावना है. इन सड़कों के निर्माण से सीधे तौर पर मधुबनी और सुपौल जिला के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी.