जातीय जनगणना और यूसीसी को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी(रामविलास) के चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है। । दरअसल, चिराग पासवान ने जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए कहा कि, जाति आधारित गणना अगली जनगणना का हिस्सा होना चाहिए। क्योंकि समुदाय आधारित विकास योजनाओं के लिए पर्याप्त धन आवंटन के लिए अक्सर विशिष्ट आंकड़ों की जरूरत होती है। साथ ही अदालतें भी कई बार विभिन्न जातियों की जनसंख्या के आंकड़े मांगती हैं।
हालांकि, जातीय जनगणना के आंकड़े सरकार के पास ही रखे जाने चाहिए और सार्वजनिक नहीं किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा पिछले साल कराए गए जातिगत सर्वेक्षण के आंकड़े सार्वजनिक किए गए। अब राज्य में लोगों को कुल जनसंख्या में उनकी जातियों के प्रतिशत के आधार देखा जा रहा है। इससे समाज में बंटवारा होता है, इसलिए वह जातीय जनगणना के आंकड़े जारी करने के पक्ष में नहीं हैं। वहीं चिराग ने यूसीसी को लेकर कहा है कि जब तक उनको इसका ड्राफ्ट नहीं मिल जाता तब तक वो इस बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं। एक साथ चुनाव कराने और यूसीसी के बारे में एनडीए में अभी तक कोई चर्चा नहीं हुई है।