बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक बार फिर झटका लगा है. जेडीयू के महासचिव और आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह के बेटे अजित कुमार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. आपको बता दे कि बिहार जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को उन्होंने 30 अप्रैल को पत्र लिखा है और पार्टी के कामकाज के तरीकों और हाल फिलहाल में लिए गए निर्णयों पर सवाल खड़े किए हैं.
अजीत कुमार ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है, “हाल के राजनीतिक घटनाक्रम में पार्टी की ओर से गठबंधन को लेकर दो बड़े फैसले पार्टी की सबसे निचली और मजबूत इकाई को विश्वास में लिए बगैर बहुत कम समय के अंतराल में लिए गए. इससे पार्टी के कार्यकर्ताओं में धरातल पर असमंजस की स्थिति लगातार बनी रहती है.”
आगे पत्र में उन्होंने कहा, “जैसे ही कार्यकर्ता पार्टी की तरफ से कोई भी स्टैंड लेना शुरू करते हैं तो पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ठीक उल्टा निर्णय ले लिया जाता है. फिर भी हम सबों को लगा कि माननीय मुख्यमंत्री जी पार्टी और राज्य हित को देखते हुए कुछ उचित फैसला लिए होंगे, लेकिन चुनाव के दो चरण बीत जाने के बावजूद भी एनडीए गठबंधन की तरफ से बिहार हित को लेकर कोई भी बड़ी घोषणा अभी तक नहीं हुई है. सामान्यतः पिछले चुनावों में बिहार के हित को लेकर प्रधानमंत्री जी स्वयं ही कोई न कोई बड़ी घोषणा किया करते थे, लेकिन इस बार बिहार के बारे में उनकी तरफ से विशेष राज्य का दर्जा सहित दर्जनों बड़े विषयों पर अभी तक कोई वादा या चर्चा तक नहीं की गई है.”
“बीजेपी के नेता संविधान बदलने की बात सार्वजनिक मंच से लगातार कर रहे हैं, जिन पर अंकुश न लगाने की वजह से बीजेपी का एजेंडा देश के लोकतंत्र लिए खतरनाक रूप अख्तियार कर चुका है. नागरिक समाज में इस विषय को लेकर गहरी चिंता है. ऐसे में संगठन के पद धारक के तौर पर नैतिक रूप से लोगों के बीच में जाकर एनडीए गठबंधन के लिए वोट मांगना ठीक नहीं लगता है, इसलिए जनता दल यूनाइटेड पार्टी के पद/सांगठनिक प्रभार सहित प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं.”