किशनगंज पुलिस पर बंगाल में उग्र भीड़ ने किया हमला, गाड़ियों के फोड़े शीशे, कई राउंड हुई फायरिंग

ताजा मामला किशनगंज का है, जहां किशनगंज पुलिस ने मक्का लदे ट्रैक्टर को लूटने के मामले में एक आरोपित को शुक्रवार को बिहार-बंगाल की सीमा पर पकड़ लिया था। पुलिस उसे पकड़ने के बाद बंगाल होकर लौट रही थी। इसी दौरान विलायतीबाड़ी के पास असमाजिक तत्वों ने किशनगंज पुलिस पर हमला बोल दिया।

असमाजिक तत्वों के इस हमले में किशनगंज सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार, प्रशिक्षु अवर निरीक्षक अंकित कुमार और तकनीकी सेल के पुलिसकर्मी इरफान समेत दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गये। साथ ही पुलिस वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया गया। पुलिस को अपनी आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी।वहीं, आरोपित नूर आलम को हिरासत में लेकर लौट आई। इस घटना में पश्चिम बंगाल के विलायतीबाड़ी के दो ग्रामीण भी घायल हुए हैं।

14 मई की रात किशनगंज सदर थाना क्षेत्र में गाछपाड़ा के पास से अपराधियों ने एक ट्रैक्टर चालक को अगवा कर मक्का लदा ट्रैक्टर लूट लिया था। मामले में तैयब आलम ने सदर थाने में केस दर्ज कराया था। घटना में बंगाल के विलायतीबाड़ी के नूर आलम समेत कई आरोपितों के नाम सामने आए थे। पुलिस ने बिहार-बंगाल सीमा पर नूर आलम को पकड़ लिया। वहां से महज कुछ दूरी पर आरोपित का गांव था। नूर आलम के शोर मचाने पर उसके स्वजन वहां पहुंच गए और ग्रामीणों को इकट्ठा कर पुलिस को गिरफ्तारी से रोकने लगे।

इस दौरान पुलिस पर ईंट-पत्थरों से हमला किया गया। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई और आरोपित को लेकर वहां से निकल गई। विरोध जताते हुए ग्रामीणों ने बिहार-बंगाल NH भी कुछ समय के लिए जाम कर दिया था। पुलिस पर हमले वाली जगह बिहार सीमा से करीब 200 मीटर अंदर पश्चिम बंगाल की है। घटना के बाद विलायतीबाड़ी में बंगाल पुलिस पहुंची।

वहीं, किशनगंज के एसपी सागर कुमार झा ने इस घटना पर कहा कि मक्का लूट की घटना में पुलिस द्वारा छापेमारी की जा रही थी। आरोपित के स्वजन ने पुलिस पर हमला कर दिया। इस घटना में पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गया। पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली भी चलाई है।

वहीं, बंगाल के दालकोला SDPO रतिनाथ विश्वास ने बताया कि किशनगंज पुलिस किसी अपराधी को पकड़ने बंगाल आयी थी। इसी दौरान कई राउंड फायरिंग की गई है। घटनास्थल से तीन खोखे बरामद किए गए हैं। छापेमारी के दौरान बंगाल पुलिस को किसी तरह की सूचना नहीं दी गई थी। घटना से संबंधित एक वीडियो भी वायरल हुआ है।